श्रावण मास में बिजनौर नहीं रंगता भगवा रंग में
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में हर की पौड़ी से लेकर दिल्ली तक पूरा हाइवे भगवा रंग में ढका रहता हैं। चौतरफा हर -हर महादेव के जयघोष की गूंज सुनाई देती है। बिजनौर को छोड़ वेस्ट यूपी के अधिकांश जिलों में शिव भक्तों में कांवड़ लाने का जुनून दिखाई देता है। लाखों श्रद्घालु कांवड लाते हैं।कावंड यात्रा के कारण मुजफफ्नगर मेरठ दिल्ली हाई वे बंद रहता है, तो कई मार्ग पर यातायात परिवर्तित करना पड़ता है। कावंड मार्ग पर जगह -जगह कावंड सेवा शिविर लगतें हैं।शिवरात्रि पर शिवालयों पर भारी भीड़ रहती है। बागपत के पुरा महादेव मंदिर पर तो पांच से दस लाख तक श्रद्घालु कांवड चढ़ाते हैं। वहीं बिजनौर में ऐसा कुछ नहीं होता। ना कोई कांवड आती है, नही शिवालयों पर भीड़ होता है।समाचार पत्रों की मांग होती है कि शिवालयों की भीड़ के फोटों हों, सो फोटोग्राफर को इसके लिए जुगाड़ करना पडता है।फर्जी फोटो बनाने होतें हैं। मैं बिजनौर का रहने वाला हूं। वही रहकर पला-बढ़ा। किंतु आज तक भी इसका राज नहीं जान सका। बहुतों से सवाल किया। पर कोई उत्तर नहीं मिला। सिर्फ बिजनौर के वरिष्ठ आर्यसमाजी जयनारा