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Showing posts from December, 2014

गजलकार व साहित्यकार दुष्यंत त्यागी

सुप्रसिद्ध गजलकार  व साहित्यकार दुष्यंत त्यागी की पुण्यतिथि पर विशेष हाथों में अंगारों के लिए सोच रहा था, कोई मुझे अंगारों की तासीर बताए।। आम आदमी के दु:ख सुख को शिद्दत से महसूस जब किसी शायर और लेखक की कलम करती है तो कालजयी कृतियां जन्म लेने लगती हैं। बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा। सदियों के बाद ही कोई व्यक्तित्व वक्त का सांचा बदलने आता है। डॉ.इकबाल ने जो कहा था वो कितना बड़ा सच था। आम आदमी के हाथों में अंगारे एवं सीने में पीड़ा की गंगा अविरल रूप से बहती रहती है। जब पीड़ा हिमालय का रूप ले लेती है तो कह उठती है : हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। जी हां, ये दुष्यन्त कुमार ही थे, जिन पर आज जनपद बिजनौर ही नहीं, जहां राजपुर नवादा गांव में उनका जन्म १ सितंबर १९३३ को हुआ था, बल्कि पूरा देश गर्व करता है। और करे भी क्यों न, ये वो लाडला गजलकार है, जिसने गजल के मानी ही बदल दिए, नहीं तो गजल का शाब्दिक अर्थ महबूब से बातें करना था। दुष्यंत ने गजल को महबूब के गेसू एवं रुखसारों से निकालकर यथार्थ की जमीं पर उतार दिया। मैं जिसे ओढ़ता बिछाता

अफजलगढ़ पर चिंगारी का स्पेशल इशू

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अफजलगढ़ पर चिंगारी का स्पेशल इशू

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१८ दिसंबर पर चिंगारी सांध्य  ने जनपद के प्राचीन शहर अफजलगढ़ पर विशेष सामग्री छपी । मदीना न्यूज़ पेपर पर भी विस्तार से छापा है 

चिंगारी संध्या दैनिक का नहटौर पर विशेष परिशिष्ठ

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चिंगारी संध्या दैनिक ने ११ दिसंबर को नहटौर पर विशेष परिशिष्ठ छापा । इसमे  के आंदोलन में महत्त्व पूर्ण योगदान करने वाले उर्दू समाचार पत्र मदीना पर भी विशेष स्टोरी छापी          आजादी

पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और बिजनौर

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पूर्व  पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और बिजनौर  २३ दिसम्बर २०१४ अमरउजाला  २३ दिसंबर २०१४ दैनिक जागरण 

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की दो बेटिओं की बिजनौर में हुई थी शादी

। २३ दिसम्बर १९०२ को जन्में देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हक की लड़ाई लड़कर किसानों के मसीहा के रूप में अपनी पहचान बनाई है। चौधरी चरण सिंह को जनपद बिजनौर से काफी लगाव रहा है। उन्होंनें चांदपुर में भी अनेक बार जनसभाओं को सम्बोधित कर क्षेत्रवासियों से रूबेरू हुए हैं। चौधरी साहब की दो लड़कियों की शादी जनपद में ही हुई है। चांदपुर विधान सभा क्षेत्र के गांव शादीपुर मिलक में पुत्री शारदा की इंजीनियर वासदेव सिंह के साथ जो वर्तमान में अमेरिका मे हैं तथा नजीबाबाद विधान सभा क्षेत्र के गांव हाजीपुर में एसपी सिंह के साथ शादी हुई है। जो पुलिस कमिश्रर हैं। चौधरी चरण सिंह ने हमेशा से ही किसानों की लड़ाई लड़ी है। बताते हैं कि चांदपुर शुगर मिल भी चौधरी चरण सिंह के प्रयासों की ही देन है। किसानों की लड़ाई लड़ते हुए चौधरी साहब ने अपने मुख्यमंत्री काल में मंडी समिति की स्थापना कराई। नलकूप की नाली के बराबर से निकली चकरोड पर पहले नलकूप कर्मचारियों को ही चलने का अधिकार था लेकिन चौधरी साहब ने किसानों को उस चकरोड पर चलने का अधिकार दिलाया। चौधरी साहब ने कभी जातपात का भेदभाव नहीं रखा। उनका रसो

नहटौर

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 नहटौर पर  ११ दिसम्बर २०१४  के चिंगारी  सांध्य दैनिक में  छापा एक लेख 

- भोलानाथ त्‍यागी

पत्रकारिता एवं साहित्‍य में समान रूप से चर्चित- भोलानाथ त्‍यागी का जन्‍म 4 नवंबर, 1953 में बिजनौर के सीकरी बुजुर्ग गांव में हुआ। भोलानाथ त्‍यागी - हिंदी एवं राजनीतिशास्‍त्र से एमए, एलएलबी, पीएचडी हैं। श्री त्‍यागी सात वर्ष की अल्‍पायु में ही पिता के सा ए से वंचित हो गए । लालनपालन और शिक्षा दीक्षा - पैजनियां (बिजनौर) में हुई। इनके नाना शिवचरण सिंह विख्‍यात स्‍वतंत्रता सेनानी एवं साहित्‍यप्रेमी थे -  काकोरीकांड के अमर शहीदों का प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय शिवचरण सिंह त्यागी के गांव पैजनियां (बिजनौर) से गहरा रिश्ता रहा है। राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी , रोशन सिंह, चंद्रशेखर आजाद, जैसे अमर शहीदों ने शिवचरण सिंह त्यागी के यहां , गांव पैजनियां में अज्ञात वास किया था। स्वर्गीय त्यागी एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने कभी सरकार से न पेंशन ली और न ही कोई अन्य लाभ। पैजनियां गांव को स्वतंत्रता आंदोलनकारियों का तीर्थ भी कहा जाता है।  जिसके चलते, गणेश शंकर विद्यार्थी, मुंशी प्रेमचंद, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, जैनेंद्र कुमार जैन और बनारसी दास चतुवेर